Monday, August 31, 2015

अमेरिका का कड़ा संदेश: आतंकवाद की पनाहगाहों के खिलाफ कार्रवाई करे पाक -

अमेरिका का कड़ा संदेश: आतंकवाद की पनाहगाहों के खिलाफ कार्रवाई करे पाक - Navbharat Times

वॉशिंगटन/ इस्लामाबाद अमेरिका ने सीधे शब्दों में पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी सीमा में आतंकवादियों के शरणस्थलों के खिलाफ अपने प्रयासों को तेज करे। अमेरिका ने पाकिस्तान से अफगानिस्तान में अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार खूंखार हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कड़े कदम उठाने को भी है। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसेन राइस ने पाकिस्तान में अपने एक दिन की यात्रा के दौरान कल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उसके सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ समेत शीर्ष पाकिस्तानी नेतृत्व को इस संबंध में कड़ा संदेश दिया।
वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि सुसेन ने अपने संदेश में 'पाकिस्तानियों से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी सीमाओं में आतंकवादियों के शरणस्थलों के खिलाफ कार्रवाई के अपने प्रयास तेज करने की अपील की।'

पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि सुसेन ने पाकिस्तानियों से अफगानिस्तान में हाल में हुए हमलों के बाद हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील की है। पाकिस्तानी राजनयिक सूत्रों के अनुसार सुसेन ने उत्तरी वजीरिस्तान में पाकिस्तान के अभियान की सराहना की, लेकिन उन्होंने देश से हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ और अधिक ठोक कदम उठाने की अपील की। हक्कानी नेटवर्क उत्तरी वजीरिस्तान में मौजूद था, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि सैन्य अभियानों के बाद आतंकवादी अफगानिस्तान भाग गए हैं।
अमेरिकी अखबार 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि सुसेन ने इस्लामाबाद में शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेताओं से कहा कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों द्वारा पड़ोसी देश अफगानिस्तान में किए गए हमले बिल्कुल अस्वीकार्य हैं। समाचार पत्र के अनुसार, सुसेन ने यह टिप्पणी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा हाल में लगाए गए इन आरोपों के संदर्भ में की कि काबुल में हुए आतंकवादी हमलों को पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने अंजाम दिया है।
सुसेन ने पाकिस्तानी नेताओं से कहा, 'आतंकवाद और आतंकवादी हमले क्षेत्रीय टकराव का एक मुख्य कारण बन गए हैं।' 'न्यू यॉर्क टाइम्स' ने एक अमेरिकी अधिकारी से हवाले से कहा, 'विशेषकर काबुल में हिंसात्मक घटनाओं में हाल में आई तेजी और तालिबान की खूनी मुहिम के मद्देनजर पाकिस्तान के अपने पड़ोसियों और वॉशिंगटन के साथ संबंधों के लिए इस चुनौती से निपटना आवश्यक है।'
हालांकि अमेरिकी अधिकारी ने भारत के इन दावों का कोई जिक्र नहीं किया कि उसकी जमीन पर हुए हालिया आतंकवादी हमलों को सीमा पार के आतंकवादियों ने अंजाम दिया है। समाचार पत्र के अनुसार, अधिकारी ने कहा कि सुसेन की इस्लामाबाद की यात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के संबंध में नहीं है। यह कई सप्ताह पहले निर्धारित हो गई थी।
अमेरिका ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कड़े कदम उठाने को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों की बेरुखी को लेकर पिछले कुछ सप्ताह में नाखुशी जाहिर की है। अमेरिका ने अफगानिस्तान में हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में शामिल होने के कारण हक्कानी नेटवर्क के एक शीर्ष सदस्य अब्दुल अजीज हक्कानी को पिछले सप्ताह 'वैश्विक आतंकवादी' करार दिया था। अफगानिस्तान की सरकार ने आरोप लगाया है कि काबुल में हाल में हुए हमले हक्कानी नेटवर्क ने किए हैं। अमेरिका का भी इस बारे में यही मानना है।

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